एक सामान्य सा रक्त जांच कैंसर जैसी भयावह बीमारी को रोकने में सहायक हो सकता है। हाल के अध्ययन के मुताबिक, चिकित्सक रक्त में कैल्सियम के उच्च स्तर (हाइपरकैल्सिमिया) का इस्तेमाल कैंसर के प्रारंभिक संकेत के तौर पर कर सकते हैं। यह जोखिम ज्यादातर पुरुषों को होता है। कैंसर और हाइपरकैल्सिमिया के बीच संबंध जगजाहिर है, लेकिन पहली बार यह बात सामने आई है कि कैंसर के निदान में यह भूमिका निभा सकता है।पढ़े: क्या नमक करेगा कैंसर का इलाज?
ब्रिटेन के ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के मुख्य शोधकर्ता फर्गस हैमिल्टन ने कहा, ‘हम इस मुद्दे को विभिन्न नजरिए से देखना चाहते थे और हमने पाया कि रक्त में कैल्सियम के उच्च स्तर का इस्तेमाल कैंसर के प्रारंभिक संकेत के तौर पर किया जा सकता है।’अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 54 हजार मरीजों के इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड का अध्ययन किया, जिनके रक्त में कैल्सियम का स्तर उच्च था। उसके बाद कई लोगों की कैंसर की जांच कराई गई। पढ़े: कैंसर के दस बेतुके मिथक
पुरुषों में अगर कैल्सियम स्तर थोड़ा भी ज्यादा हो, तो अगले एक वर्ष के दौरान कैंसर की संभावना 11.5 फीसदी तक होती है। यदि कैल्सियम का स्तर सीमा को पार कर जाता है, तो यह जोखिम बढ़कर 28 फीसदी हो जाती है।वहीं महिलाओं में यह जोखिम बेहद कम होता है। पुरुषों की अपेक्षा 4.1 फीसदी और 8.7 फीसदी है।
यह अध्ययन ब्रिटिश पत्रिका ‘कैंसर’ में प्रकाशित हुआ है।
स्रोत: IANS Hindi
चित्र स्रोत: Getty images
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