Monday, September 29, 2014

बच्चों में दिल की बीमारी का खतरा मोटापे के कारण बढ़ा

Childhood-obesity-heart diseasesराष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 13 से 16 साल के बीच की उम्रसीमा में हर 10 में से एक स्कूली बच्चा मोटापे का शिकार है। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। मोटापे के कारण बच्चों में दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) द्वारा विश्व हृदय दिवस (29 सितंबर) से ठीक पहले किए गए सर्वेक्षण में 25 निजी और सरकारी स्कूलों के 3,000 बच्चों को शामिल किया गया।सर्वेक्षण में कहा गया है, ‘हर 10 में से एक बच्चा या तो अधिक वजनी है या मोटापे का शिकार है और इससे बच्चों में हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा 35 फीसदी तक बढ़ जाता है।’सर्वेक्षण में कहा गया है, ‘मोटापे के शिकार बच्चों को उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर, मधुमेह और दिल के दौरे का खतरा ज्यादा होता है।’


जीवनशैली से संबंधित बीमारियों में विशेषकर बच्चों में तेजी से बदलती जीवनशैली और खानपान की आदतों को इसके लिए जिम्मेदार बताया गया।सर्वेक्षण में कहा गया है, ‘लगभग 35 फीसदी अभिभावक अपने बच्चों को हर रोज 40-100 रुपये दिन के समय कैंटीन से भोजन खरीद कर खाने के लिए देते हैं, जबकि 51 फीसदी बच्चे 30-40 रुपये पास्ता और नूडल्स में खर्च करते हैं।’एसोचैम स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष बी. के. राव के मुताबिक बच्चों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।उन्होंने कहा, ‘स्वास्थ्य की दृष्टि से और पर्यावरण के लिए भी डिब्बाबंद भोजन को ना कहना अच्छी बात है। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह जीवनशैली बच्चों में दिल की बीमारियों के खतरे को बढ़ाती है।’



स्रोत: IANS Hindi


चित्र स्रोत: Getty Images


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